
आसाराम, जिसे उनके गुरुकुल में एक नाबालिग छात्रा के यौन शोषण के मामले में दोषी साबित किया गया है, उन्हें 2018 से जोधपुर केंद्रीय कारागार में आजीवन कारावास की सजा सुनाई जा रही है। फिल्म निर्माता आसिफ शेख ने यह पुष्टि की है कि इस फिल्म का आधार पीड़िता के वकील पी सी सोलंकी के जीवन पर है। यह फिल्म सत्य घटनाओं से प्रेरित ‘अदालती कक्ष वाला ड्रामा’ है।
आसाराम और उनके आश्रम चैरिटेबल ट्रस्ट ने फिल्म निर्माता आसिफ शेख बैनर प्रैक्टिकल प्रोडक्शन को कानूनी नोटिस भेजा है, जिसमें इस हिंदी फिल्म की रिलीज़ और प्रचार के खिलाफ निर्देश और निषेधाज्ञा की मांग की गई है।
फिल्म में एक बाबा (चरित्र) का कानूनी नोटिस जवाब देगा। हमने पी सी सोलंकी के जीवन पर आधारित फिल्म बनाने के अधिकार प्राप्त किए हैं और यह फिल्म उनके जीवन पर आधारित है। आसाराम और ट्रस्ट ने इस कानूनी नोटिस को वकीलों सत्य प्रकाश शर्मा और विपुल सिंघवी ने भेजा है। तीन दिन का समय दिया गया है फिल्म निर्माताओं को जवाब देने के लिए।
हमने तैयार की हुई याचिका लंबित होगी अगर तीन दिनों में जवाब नहीं मिलता है। फिल्म में बाबा का चरित्र ऐसे चित्रण किया गया है, जिससे देश में कानून-व्यवस्था संबंधी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं और आसाराम के लाखों अनुयायियों की भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। इससे राजस्थान उच्च न्यायालय भी पूर्वाग्रह में आ सकती है, जिसके सामने उसकी याचिका प्रस्तुत है।